कोई लीडर, खासतौर पर सत्ता पर काबिज, कितना अच्छा है इसे नापने के कई थर्मामीटर हैं. इनमें एक बड़ा वाला है सेना का सम्मान. सत्ता में पहले सालों तक कांग्रेस थी. अब बीजेपी है. बीजेपी कहती है, हम ज्यादा बड़े देशभक्त हैं. कांग्रेस कहती है, हम हैं. ऐसी ही दावेबाजी से जुड़ी एक पोस्ट वायरल हो रही है. हमारे एक पाठक जितेंद्र ने हमें मेल करके इसकी सच्चाई बताने को कहा.
क्या है वायरल पोस्ट में?
एक ब्लैक ऐंड वाइट तस्वीर. किसी तंबू के अंदर एक टेबल बिछी है. टेबल पर तीन लोग हैं. टेबल पर प्लेट्स रखी हैं. इन तीनों के पास खड़ी हैं इंदिरा गांधी. शॉल ओढ़े इंदिरा इन तीनों में से एक की प्लेट में खाना डाल रही हैं. अगल-बगल और भी लोग बैठे हैं. देखकर लगता है कि खाने-पीने का प्रोग्राम चल रहा है. फोटो के साथ जो मेसेज घूम रहा है, उसमें लिखा है-.
सच क्या है?
हमने खोजा, तो ये तस्वीर मिली इंडियन एक्सप्रेस की आर्काइव्स में. एक्सप्रेस ग्रुप की ही एक वेबसाइट जनसत्ता की एक खबर में ये फोटो इस्तेमाल की गई है. फोटो में लिखे कैप्शन के मुताबिक ये तस्वीर 28 जनवरी, 1980 की है. इंदिरा गांधी उस समय प्रधानमंत्री थीं. ये सच है कि इंदिरा किन्हीं को नाश्ता परोस रही थीं, मगर वो सेना के लोग नहीं थे. वो थे NCC (नैशनल कैडेट कोर) के कैडेट्स. नीचे तस्वीर देखिए और उसका कैप्शन पढ़िए-
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कैडेट्स को खाना परोसा. प्रधानमंत्री का ये जेस्चर अच्छा था. मगर महान नहीं था. बीजेपी और कांग्रेस के बीच होड़ की पॉलिटिक्स है. इस होड़ में दोनों तरफ के लोग बहुत कुछ करते हैं. इसी होड़ की एक मिसाल है ये वायरल पोस्ट. कांग्रेस समर्थक ये साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि देखो, हमारे पार्टी की नेता प्रधानमंत्री होकर सेना के लोगों को खाना परोस रही हैं. इसकी मिसाल है तुम्हारे पास, तो बताओ.
हम अपने नेताओं को हद से ज्यादा ग्लोरिफाइ कर देते हैं. इतना कि उनका कुछ नॉर्मल करना भी हमको गद्गद् कर देता है. जैसे ब्रिटेन के प्रिंस हैरी का एक वीडियो आया था. उन्होंने वीलचेयर पर बैठे एक आदमी की मदद कर दी थोड़ी. लोग वीडियो देखकर लहालोट हो रहे थे. वीलचेयर पर बैठे आदमी की मदद करना नॉर्मल है. आपके सामने कोई जरूरतमंद , उसे मदद चाहिए और आप मदद करने की हालत में हैं, तो आपको मदद करनी ही चाहिए. आपने नहीं किया, तो गलत किया. किया, तो कुछ महान नहीं किया.