16 दिन बीते, कर्ज माफी की उम्मीद में 25 हजार किसानों ने नहीं बेचा एक दाना धान

16 दिन बीते, कर्ज माफी की उम्मीद में 25 हजार किसानों ने नहीं बेचा एक दाना धानब्लॉक के 22 सहकारी समिति एवं 5 जिला सहकारी बैंक के करीब 27 हजार पंजीकृत किसान हैं जो समितियों के माध्यम से खेती के लिए...ब्लॉक के 22 सहकारी समिति एवं 5 जिला सहकारी बैंक के करीब 27 हजार पंजीकृत किसान हैं जो समितियों के माध्यम से खेती के लिए ऋण लेते हैं और अपनी उपज धान समर्थन मूल्य पर सहकारी समितियों में बेचते हैं। इस साल सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत एक नवंबर से की है। 16 दिन गुजर जाने पर भी कर्ज माफी की उम्मीद में 25 हजार किसानों ने एक दाना धान नहीं बेचा है। खर्च चलाने के लिए करीब 2 हजार किसानों ने ही धान बेचा है। धान बिक्री पर चुनाव का असर दिखाई पड़ रहा है। 

धान बेचने में किसान रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जबकि 1750 रुपए समर्थन मूल्य और बोनस एक साथ किसानों को इस साल दिया जा रहा है। इस संबंध में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा पलारी के प्रभारी शाखा प्रबंधक प्रहलाद पटेल ने बताया कि खरीदी केंद्रों में धान की आवक बहुत कम है। जहां रोजाना 10 हजार क्विंटल धान की आवक होनी चाहिए, वहां 2 हजार क्विंटल धान भी नहीं आ रहा है। इस तरह लगभग 25 हजार किसानों ने धान नहीं बेचा है। 

ब्लॉक के अधिकांश किसानों के खेत से फसल कट गए है और बाकी काटने में जुटे हैं। जिन किसानों की फसल कट गई है, वे भी अपनी उपज बेचने के बजाय घर और खलिहान में रोक कर रखे हैं। लोगों का कहना है कि चुनाव वर्ष में कांग्रेस के घोषणा पत्र और कर्ज माफी के चलते अपनी फसल को जाम कर रखे हैं, क्योकि अभी फसल बेचने पर उन्हें कर्ज की राशि भरनी पड़ेगी और सरकार बदलने पर उनको कर्ज से मुक्ति और 2 साल का पुराना बोनस मिल जाएगा। इस साल धान की बिक्री में चुनाव का असर साफ दिखाई दे रहा है। बैंक और मंडी दोनों सूने पड़े हैं। जबकि इस सीजन में यहां पर किसानों का भीड़ लगी रहती है। 

खर्च के लिए करीब दो हजार किसानों ने ही बेची है अपनी उपज 

पलारी. ब्लॉक के एक गांव में किसानों द्वारा खलिहान में रखा धान। 

किसान बोले- क्या पता चुनाव के बाद बात कुछ और हो ग्राम कोसमंदी के किसान भोला वर्मा, बोधन यादव पलारी, साधराम यादव, मोहन भारद्वाज, भीखम वर्मा, श्यामलाल सांड़े, भागीरथ, सोहन लाल, रामनाथ, रवि सेन, वीरू सेन सहित अनेक किसानों ने कहा कि वे नए सरकार बनने, 25 हजार रुपए समर्थन मूल्य और कर्ज माफी का इंतजार कर रहे हैं। खर्च के लिए ही मंडी में धान बेचा है, जिससे मजदूरों, ट्रैक्टर और हार्वेस्टर का भुगतान किया गया है। 

कोदवा समिति में साढ़े 11 हजार क्विंटल खरीदी ब्लॉक के जिला सहकारी बैंक कोदवा के अंतर्गत रेंगाडीह, जारा, कोदवा, गाड़ाभाठा, गिर्रा, देवसुंद्रा, जर्वे और खरतोरा समितियां हैं। इसमें कुल 7778 पंजीकृत किसान हैं, जिसमे 5170 ने कर्ज लिया है। 433 किसानों ने 11591 क्विंटल धान बेचा है, जिससे लगभग 80 लाख रुपए की कर्ज वसूली की गई है। 

पलारी समिति में 10 हजार क्विंटल धान बिका इसी तरह पलारी सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत पलारी, बलौदी, कुसमी, सैहा समितियां हैं, जिसमें कुल 3858 पंजीकृत किसान हैं। 442 किसानों से 10494 क्विंटल धान की खरीदी की गई है, जिसमें 57 लाख की ऋण वसूली की गई है। 

वटगन में करीब 5 हजार क्विंटल खरीदी जिला सहकारी बैंक वटगन में भवानीपुर, तेलासी, वटगन समितियों में कुल 5236 पंजीकृत किसान हैं। 185 किसानों से 4784 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। 

कोसमंदी में 11 हजार क्विंटल आवक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कोसमंदी के अंतर्गत सरसेनी, छेरकपुर, अमेरा, कोसमंदी समितियों में कुल 4199 पंजीकृत किसानों में 415 ने 11775 क्विंटल धान बेचा है। इसी तरह किला सहकारी केंद्रीय बैंक रोहांसी के अंतर्गत दतरेंगी, सीतापार, कोनारी, रोहांसी समितियों में कुल 5728 पंजीकृत किसान हैं। 409 किसानों ने 9709 क्विंटल धान बेचा है।

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